Pages

Followers

Tuesday, October 23, 2012

chandan

मैं चन्दन हूँ
महकता हूँ
महकाता हूँ
शीतलता बरसाता हूँ |
लिपटे रहते
विषधर मुझसे
कभी नहीं घबराता हूँ|
मैं चन्दन हूँ
बस खुशबू
बिखराता हूँ
गैरों को भी भाता हूँ |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

No comments:

Post a Comment