इंसान जब जीने का मकसद बना लेता है
किसी की चाहत को दिल में बसा लेता है
गम और खुशियों की परवाह कहाँ रहती है
प्यार को पाना ही लक्ष्य बना लेता है |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८२६५८२१८००
किसी की चाहत को दिल में बसा लेता है
गम और खुशियों की परवाह कहाँ रहती है
प्यार को पाना ही लक्ष्य बना लेता है |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८२६५८२१८००
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