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Saturday, October 13, 2012

viklang

विकलांग   --
मेरी प्रेरणा सदैव वो लोग बने हैं
विकलांग होकर भी जो
भीड़ से आगे बढे हैं
मेरी प्रेरणा बने हैं |

विकलांगता जिनके लिए अभिशाप थी
अभिशाप की बैशाखियाँ तोड़कर
जो आगे बढे हैं
मेरी प्रेरणा बने हैं |

विकलांगता को जिन्होंने ललकारा है
आत्म शक्ति को संभला है
अपने निश्चय पर अड़े हैं
मेरी प्रेरणा बने हैं |

विकलांगता को नया अर्थ दे डाला है
शक्ति का सृजन क्रियात्मक   कर डाला है
आज राजपथ पर खड़े हैं
मेरी प्रेरणा बने हैं |

विकलांगता अब घबराने लगी है
स्वाभिमान से मुह चुराने लगी है
जब से वो गद्दी नशीं हुए हैं
मेरी प्रेरणा बने हैं |

विकलांगता आज बेमानी हो गई है
उनकी पहचान सफलता की कहानी हो गई है
आज मंजिलों से आगे वो बढे हैं
मेरी प्रेरणा बने हैं |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800


2 comments:

  1. "meri prerna sdaiv wo log bne hai viklang ho kar bhi jo bheer se aage bre hai,mere prerna bne hai"sunder bhaw liye ek behad khoobsurat rachna,

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