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Friday, November 2, 2012

जिंदगी को कुछ इस तरह जी रहा हूँ
पानी कि जगह बस आंसू पी रहा हूँ  |
दर्द का हर लम्हा अजीज हो गया है,
दर्द को ही जिंदगी बनाकर जी रहा हूँ |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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