उसकी निगाहों ने जो कहा था, मैंने समझा था,
मैं उसे दे भी सकता था वह सब,जो उसने चाहा था ,
वह नादाँ उम्र के चढ़ान पर थी,उसे कुछ पहचान न थी,
मैं उम्र के ढलान पर था, वह मेरी बेटी के समान थी |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
मैं उसे दे भी सकता था वह सब,जो उसने चाहा था ,
वह नादाँ उम्र के चढ़ान पर थी,उसे कुछ पहचान न थी,
मैं उम्र के ढलान पर था, वह मेरी बेटी के समान थी |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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