Pages

Followers

Thursday, November 29, 2012

वेदना को जानना एक बात है,
वेदना बखानना अलग बात है |
कीजिये न तुलना वेदना की वेद से,
वेद को समझना,एक खास बात है |

वेदना बखानना बहुत आसान है,
वेदना पर मरहम मुश्किल काम है|
वेदना की बात कर घर में घुस गए,
दोहरा चरित्र दिखना अब आम बात है |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
 

No comments:

Post a Comment