याद करना भूल गए----
इश्क का जब अर्थ समझा , इश्क करना भूल गए,
दर्द का जब दर्द समझा , अपने दर्द को भूल गए |
वादे भी किये हरदम , और निभाए भी ताउम्र ,
वादे का जब मतलब समझे , तो वादा करना भूल गए |
आपको जब तक समझा अपना अजीज,रोज याद करते थे ,
अपना समझ कर दिल में बसाया,तो याद करना भूल गए |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
इश्क का जब अर्थ समझा , इश्क करना भूल गए,
दर्द का जब दर्द समझा , अपने दर्द को भूल गए |
वादे भी किये हरदम , और निभाए भी ताउम्र ,
वादे का जब मतलब समझे , तो वादा करना भूल गए |
आपको जब तक समझा अपना अजीज,रोज याद करते थे ,
अपना समझ कर दिल में बसाया,तो याद करना भूल गए |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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