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Sunday, November 4, 2012

चाहत थी दो बूंद कतरों की जीने के वास्ते
लाकर समंदर मेरे कदमों में रख दिया |
इस तरह हक दोस्ती का उन्होंने अदा किया,
देकर समंदर सारा प्यासा सुला दिया |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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