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Friday, November 23, 2012

मेरे मालिक!मुझे इंसान बना रहने दो
खुदा ना बनाओ
बना कर खुदा मुझको, अपने रहम ओ करम से
महरूम ना कराओ।
पडा रहने दो मुझको , गुनाहों के दलदल में
ताकि तेरी याद , सदा बनी रहे मेरे दिल मे।
अपनी रहमत की बरसात ,मुझ पर करना
मुझे आदमी से बढ़ा कर , इंसान बनने की ताकत देना।
तेरी हिदायतों पर अमल करता रहूँ
मुझे इतनी कुव्वत देना।
तेरे जहाँ को प्यार कर सकूं , मुझे इतनी सिफत देना।

मेरे मालिक! ,मुझे खुदा ना बनाना
बस इंसान बने रहने देना।
मुझे डर है कहीं , बनकर खुदा
मैं खुदा को ना भूल जाऊँ
खुदा बनने के  गुरुर  मे , गुनाह  करता चला जाऊँ।

मेरे मालिक!
अपनी मेहरबानी से ,मुझे खुदा ना बनाना।
सिर्फ़ अपनी नजरें  इनायत  से ,मुझे इंसान बनाना।
गुस्ताखी  ना होने पाये मुझसे , किसी इंसान की शान मे
मेहरबानी  हो तेरी मुझ पर , बना रहूँ इंसान मैं.|
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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