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Thursday, December 20, 2012

muktak-mohabbat ke silsile ko koi naam de do

मोहब्बत के सिलसिले को कोई नाम दे दो,
जुबां से न सही,नज़रों से कोई  पैगाम दे दो,
खामोशियों को कर दीजिये दरकिनार "कीर्ति"
मोहब्बत की मंजिल को नया मुकाम दे दो |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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