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Monday, December 24, 2012

majdoor

मजदूर....
शाम के वक़्त
जब मजदूर लौटते हैं
अपने घरों की और
होता है उनके चेहरे पर
आत्मसंतुष्टि का भाव
मेहनत कर कमाने का |
मजदूर
भविष्य के बारे मे
अधिक नहीं सोचता |
वह
मेहनत करता है
कमाता है
सुख दुःख संग-संग जीता
आज और बस
कल के लिए|
मजदूर
नहीं करता पूजा प्रतिदिन
किसी भगवान की
कुछ पाने के लिए
वह करता है
धन्यवाद्
ईश्वर का
उसे काम देने के लिए|
मजदूर करता है पूजा
अपने इष्ट की
सम्पूर्ण समर्पित भाव से
वर्ष मे एक या दो बार
अवसर विशेष पर
और कर देता है
सब कुछ अर्पण
इष्ट देव के चरणों मे
आस्था के साथ
जो भी है उसके पास|
मजदूर
बहुत संतुष्ट होता है|
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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