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Saturday, January 26, 2013

darakht

उन दरख्तों के वुजूद पे ऐतराज न कर  ,
जो अपनी छावं में सोने नही देते हैं ।
देते हैं घर वही दरख़्त ,हजारों परिंदों को ,
उनकी ही लकड़ी से ,इंधन का काम लेते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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