Pages

Followers

Saturday, January 26, 2013

dushman nahi

दुश्मन नहीं भूलते कभी ,दुश्मन को ,दोस्तों
दोस्त अक्सर भूल जाते हैं दोस्तों को, दोस्तों ।
चाहा था एक बार भुला दूँ दुश्मन को , दोस्तों
जानता है वह निभानी दुश्मनी,कायल हूँ दोस्तों ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

No comments:

Post a Comment