तेरी आँखों में समंदर सी गहराई है,
तेरे होठों पे मचलती लहरें हैं ,
गालों पे सुबह की लाली छाई है ।
एक लट जो गिरी तेरे माथे पर
जैसे चन्दा से मुखमंडल पर
खुदा ने चुनरी लहराई है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
तेरे होठों पे मचलती लहरें हैं ,
गालों पे सुबह की लाली छाई है ।
एक लट जो गिरी तेरे माथे पर
जैसे चन्दा से मुखमंडल पर
खुदा ने चुनरी लहराई है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
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