नेहरु के वंशज कौन ?
क्या आप जानते हैं की जवाहरलाल नेहरु का खानदान क्या था ? उनके पिता श्री मोती लाल नेहरु ,बाबा श्री गंगाधर के अलावा उनके खानदान में कौन कौन थे ?
जम्मू-कश्मीर वूमैन कमीशन की सचिव के अनुसार " रॉबर्ट हार्डी एन्दुज " की किताब " ए लैम्प फार इंडिया --द स्टोरी ऑफ़ मदाम पंडित " ,जिसमे गंगाधर जी का चित्र भी छापा है के अनुसार वास्तव में गंगाधर एक सुन्नी मुसलमान थे, जिनका असली नाम " गयासुद्दीन गाजी " था ।
इसकी सत्यता जानने के लिए नेहरु की आत्म कथा को भी पढ़ना जरुरी है ।जिसमे जवाहर लाल तथा उनकी बहन कृष्णा ने माना है की उनके दादा जी मुग़ल सल्तनत में बहादुर शाह जफ़र के समय में नगर कोतवाल थे । लेकिन इतिहासकारों की खोज के अनुसार बहादुरशाह जफ़र के समय में कोई भी हिन्दू इतने महत्वपूर्ण पद पर था ही नहीं ।जो दो हिन्दू थे वह भी नायब कोतवाल के पद पर थे ।1 मेहंदी हसन की पुस्तक बहादुर शाह जफ़र और 1857 में खोजबीन करने पर मालूम होता है गंगाधर नाम अंग्रेजों के दर से बदला गया था ।पुस्तक के अनुसार अंग्रेजों ने दिल्ली को जितने के बाद मुसलमानों और हिन्दुवों को दिल्ली से बहार अलग अलग जगह ठहराकर मुसलमान आतंकवादियों को ख़त्म करना शुरू किया तो वहां से कुछ मुसलमान भागकर आगरा चले गए , उनमे ही यह परिवार भी था । नेहरु ने अपनी आत्मकथा में लिखा है की आगरा जाते समय अंग्रेजों ने उनके दादा को भी रोककर पूछताछ की तो उन्होंने कहा की वह कश्मीरी पंडित हैं , मुसलमान नहीं हैं ।
एक और बात " धर " उपनाम कश्मीर में बहुधा पाया जाता है ।लेकिन मोतीलाल ने " नेहरु " चुना ।
के एन प्राण की पुस्तक " द नेहरु डायनेस्टी " के अनुसार कमला नेहरु शुरू से ही इंदिर के फिरोज से विवाह के खिलाफ थी । प्रशन यह है की फिरोज कौन थे ? फिरोज उस व्यापारी के बेटे थे जो आनंद भवन में घरेलु सामान और शराब पहुँचाने का काम करता था । आनंद भवन का असली नाम " इशरत मंजिल " था। और उसके असली मालिक का नाम था " मुबारक अली " ।पहले मोती लाल इन्ही मुबारक अली के यहाँ नौकरी करते थे ।
सब जानते हैं की राजीव गाँधी के नाना का नाम था जवाहर लाल नेहरु मगर दादा का नाम क्या था और वह कौन थे ?
इतिहासकरों के अनुसार राजिव गांधी के दादा थे नवाब खान, एक मुस्लिम व्यापारी जो आनंद भवन में सामान सप्लाई किया करते थे और जिनका मूल निवास था " जुना गढ़ "(गुजरात)।
नवाब खान ने एक पारसी महिला से शादी कर पहले उसे मुसलमान बनाया , फिरोज इसी महिला की संतान थे । उनकी माँ का उपनाम था "घांदी " जो बाद में अपभ्रंश होकर गांधी हो गया ।
दोस्तों यह सब तथ्य जनसंघ वाणी जुलाई 2012 अंक में प्रकाशित हैं ।
प्रस्तुति - डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
क्या आप जानते हैं की जवाहरलाल नेहरु का खानदान क्या था ? उनके पिता श्री मोती लाल नेहरु ,बाबा श्री गंगाधर के अलावा उनके खानदान में कौन कौन थे ?
जम्मू-कश्मीर वूमैन कमीशन की सचिव के अनुसार " रॉबर्ट हार्डी एन्दुज " की किताब " ए लैम्प फार इंडिया --द स्टोरी ऑफ़ मदाम पंडित " ,जिसमे गंगाधर जी का चित्र भी छापा है के अनुसार वास्तव में गंगाधर एक सुन्नी मुसलमान थे, जिनका असली नाम " गयासुद्दीन गाजी " था ।
इसकी सत्यता जानने के लिए नेहरु की आत्म कथा को भी पढ़ना जरुरी है ।जिसमे जवाहर लाल तथा उनकी बहन कृष्णा ने माना है की उनके दादा जी मुग़ल सल्तनत में बहादुर शाह जफ़र के समय में नगर कोतवाल थे । लेकिन इतिहासकारों की खोज के अनुसार बहादुरशाह जफ़र के समय में कोई भी हिन्दू इतने महत्वपूर्ण पद पर था ही नहीं ।जो दो हिन्दू थे वह भी नायब कोतवाल के पद पर थे ।1 मेहंदी हसन की पुस्तक बहादुर शाह जफ़र और 1857 में खोजबीन करने पर मालूम होता है गंगाधर नाम अंग्रेजों के दर से बदला गया था ।पुस्तक के अनुसार अंग्रेजों ने दिल्ली को जितने के बाद मुसलमानों और हिन्दुवों को दिल्ली से बहार अलग अलग जगह ठहराकर मुसलमान आतंकवादियों को ख़त्म करना शुरू किया तो वहां से कुछ मुसलमान भागकर आगरा चले गए , उनमे ही यह परिवार भी था । नेहरु ने अपनी आत्मकथा में लिखा है की आगरा जाते समय अंग्रेजों ने उनके दादा को भी रोककर पूछताछ की तो उन्होंने कहा की वह कश्मीरी पंडित हैं , मुसलमान नहीं हैं ।
एक और बात " धर " उपनाम कश्मीर में बहुधा पाया जाता है ।लेकिन मोतीलाल ने " नेहरु " चुना ।
के एन प्राण की पुस्तक " द नेहरु डायनेस्टी " के अनुसार कमला नेहरु शुरू से ही इंदिर के फिरोज से विवाह के खिलाफ थी । प्रशन यह है की फिरोज कौन थे ? फिरोज उस व्यापारी के बेटे थे जो आनंद भवन में घरेलु सामान और शराब पहुँचाने का काम करता था । आनंद भवन का असली नाम " इशरत मंजिल " था। और उसके असली मालिक का नाम था " मुबारक अली " ।पहले मोती लाल इन्ही मुबारक अली के यहाँ नौकरी करते थे ।
सब जानते हैं की राजीव गाँधी के नाना का नाम था जवाहर लाल नेहरु मगर दादा का नाम क्या था और वह कौन थे ?
इतिहासकरों के अनुसार राजिव गांधी के दादा थे नवाब खान, एक मुस्लिम व्यापारी जो आनंद भवन में सामान सप्लाई किया करते थे और जिनका मूल निवास था " जुना गढ़ "(गुजरात)।
नवाब खान ने एक पारसी महिला से शादी कर पहले उसे मुसलमान बनाया , फिरोज इसी महिला की संतान थे । उनकी माँ का उपनाम था "घांदी " जो बाद में अपभ्रंश होकर गांधी हो गया ।
दोस्तों यह सब तथ्य जनसंघ वाणी जुलाई 2012 अंक में प्रकाशित हैं ।
प्रस्तुति - डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
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