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Saturday, January 26, 2013

raaj e dil

राज ऐ दिल।।।।।
राज ऐ  दिल सबको बताये नहीं जाते ,
बर्बादी के मंजर यूँ ही सुनाये नहीं जाते ।
तुम क्या जानो जख्म कितने और कहाँ हैं ,
जख्म दिल के, सबको दिखाए नहीं जाते ।

करते थे प्यार हमें वो , खुद से ज्यादा ,
करने लगे नफरत अब दुश्मनों से ज्यादा ।
कब हुआ  ,क्यूँ और कैसे हुआ , यह सब ,
किस्से प्यार वफ़ा के ,बताये नहीं जाते ।

गलतियाँ क्या हमसे हुई मोहब्बत में ,
वफ़ा करके भी हम, बेवफा हुए जाते ,
जब से आया वह शख्स उनकी जिंदगी में ,
वो , हमसे नजरें मिला नहीं पाते ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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