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Saturday, February 9, 2013

dharmnirpekshtaa

जो लोग अपने धर्म का अभिमान नहीं करते,
जो लोग अपने माँ-बाप का मान नहीं करते ,
राष्ट्र की खातिर क्या सर कटायेंगे ,कमीने
जो लोग अपनी संस्कृति का सम्मान नहीं करते ।

धर्म का मतलब अनुशासन है ,बात समझ लें ,
संस्कार मतलब नियम है ,बात समझ लें ,
सभ्यता ,संस्कृति , पुरखों की विरासत है,
सभ्य  आचरण हमको करना ,बात समझ लें ।

क्या होती है धर्मनिरपेक्षता ,कोई बता दे,
किस शब्दावली में लिखा अर्थ , कोई दिखा दे ,
जाते हैं जो चर्च और मस्जिद में प्रतिदिन ,
धर्मनिरपेक्षता की बातें , कोई उन्हें बता दे ।

कहते हैं सब हिन्दू ,धर्मनिरपेक्ष हो जाओ ,
अपनी संस्कृति से सब , निस्तेज हो जाओ ,
हिन्दू करता मान सभी धर्मों का फिर भी,
हमसे ही कहते हैं सब ,खामोश हो जाओ ।

लुटती अस्मत बहन बेटियों की भारी है
धर्मान्तरण का खेल अभी भी जारी है
नहीं किया गर ध्यान इस खेल पर तुमने
भारत को ईसाई  राष्ट्र की तैयारी है ।

इस्लामवाद के पक्षधर भी आगे आये हैं
इस्लामी बने मुल्क , अभियान चलाये हैं
आतंकवाद इसी की एक कड़ी है
हिंदुत्व पर हमला , इसे मिटाने आये हैं ।

जागो राष्ट्र प्रहरी और युवाओं जागो तुम
धर्मनिरपेक्ष पशु होते हैं, जानो तुम ,
धर्म का मतलब हिंदुत्व में मानवता है ,
धर्म का सार ,यहाँ पहचानो तुम ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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