नेता और खटमल
नेता और खटमल ,
दोनों परजीवी हैं ,
वीरानों में रहकर भी
उपस्थिति जताते हैं ।
चूसते हैं खून गैरों का ,
और मोटे होते जाते हैं ।
खटमल का परिवार
तेजी से बढ़ता है ,
चूसता है खून वह
अक्सर गरीबों का ,
उनकी ही खाटों और
बिस्तर में पलता है ।
नेता की गति आज
उससे भी अनूठी है ,
परिवारवाद उसके
जीवन की धुरी है ।
चूसता है खून
वह भी जमाने का,
विदेशों में जमा रकम
उससे भी मोटी है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
नेता और खटमल ,
दोनों परजीवी हैं ,
वीरानों में रहकर भी
उपस्थिति जताते हैं ।
चूसते हैं खून गैरों का ,
और मोटे होते जाते हैं ।
खटमल का परिवार
तेजी से बढ़ता है ,
चूसता है खून वह
अक्सर गरीबों का ,
उनकी ही खाटों और
बिस्तर में पलता है ।
नेता की गति आज
उससे भी अनूठी है ,
परिवारवाद उसके
जीवन की धुरी है ।
चूसता है खून
वह भी जमाने का,
विदेशों में जमा रकम
उससे भी मोटी है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
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