From: Madhusudan H Jhaveri
NUMBER ONE (अ से औ तक )
अक़्ल= बुद्धि, तर्क, ज्ञान, मति, प्रज्ञा, मस्तिष्क,
ग्यान,
अकबर= सबसे महान, महानतम, महत्तम,
अकसर= अधिकतर, बहुत बार, बहुधा, विशेषकर, प्रायः, लगभग,
सदा, सर्वदा,
अख्ज़= पकड़नेवाला, लेनेवाला, छीनने वाला,
लोभी
अख़बार= समाचार, समाचारपत्र, वृत्तपत्र, वर्तमान पत्र,
सामयिक पत्र,
अगर= यदि, तथापि,
अग्य्ा़ार= अजनबी, प्रतिद्वन्दी (गै़र का
बहुवचन)
अगल़ात= अशुद्धियां (गल़त का
बहुवचन)
अर्जमन्द= महान
अऱ्ज= धरती, क्षेत्र, पृथ्वी
अजनबी= आगंतुक, विदेशी, परदेसी,
अपरिचित,
अज़ल= अनन्तकाल, सनातनत्व,
नित्यता
अजब= कौतुक, आश्चर्य, असाधारण,
अजीब= आश्चर्यजनक, अद्भुत, निराला
अज़ाब= पीड़ा, सन्ताप, दंड
अज़ीज़= प्रिय, माननीय, आदरणीय,
गुणवान
अज़ीम= महान, विशाल, उच्च मर्यादा
वाला
अटक=विघ्न, बाधा
अत्त्फ़ाल= बच्चे, संतति (तिफ़्ल का बहुवचन), संतान,
पुत्र-पुत्रियाँ,
अत्फ़= दया, भेंट, प्रेम, कृपा
अदा= ऋण चुकाना,
अदा= मनोहरता, श्रृंगार, सुन्दरता,
अभिनय,
अदीब= विद्वान, जानकार, तज्ञ,
अदालत= न्यायालय, न्याय, कानून
अदम= शून्य, अस्तित्वहीन, अभाव,
अन्जाम= अन्त, परिणाम, फल,
अन्जुमन= परिषद, सभा, सम्मेलन,
अन्दाज़ा= अनुमान, आंकना, माप
अन्दर= भीतर, अन्दर,
अफ़स़ना= कहानी, कल्पित कथा, कथा,
वार्ता,
अफ़सुर्दा= उदास, विषाद, उदासीन, म्लान, करूण,
शोकग्रस्त, दुःखी, पीडित,
अफ़सोस= शोक, पछतावा, उदासी, दुःख, पीडा,
पश्चात्ताप,
अब= अभी, वर्तमान,
अब्तर= नष्ट,बिखारा हुआ,
मूल्यहीन,
अबद=अनन्तकाल, चिरकाल,
अब्र= बादल, मेघ,
अब्रू= भौंह, भौं,
अब्सार= आंखें (बसर का बहुवचन), नयन,
नेत्र,
अब्ना= बेटे (इब्न का बहुवचन),सन्धि, सहमति, घटना,
संयोग, अवसर
अबस= लाभहीन, बेकार, व्यर्थ, तुच्छ,
नगण्य,
अब्द= दास, परमात्मा का दास,
अमलन= यथार्थ में, सच में, सत्यता पूर्वक, वास्तविक,
वास्तव,
अमानत= धरोहर, विरासत, बपौति,
परंपरा,
अऱ्ज= याचना, विनय, विनती, परखना, प्रदर्शन, प्रार्थना,
अभ्यर्थना, अनुरोध,
आग्रह
अर्श= छत, छत्र, सर्वोच्च,
स्वर्ग,
अरमान= इच्छा, लालसा, आशा, वांछा, वांछना, आकांक्षा,
स्पृहा, कामना, अभिलाषा,
मनोरथ, अभीष्ट, निवेदन, प्रार्थना,
याचना,
अल्फ़ाज़= शब्द (अल्फ़ज़ का
बहुवचन),
अल= कला,
अलीम= बुद्धिमान, विद्वान, तज्ञ,
वेत्ता,
अव्वल= प्रथम, सर्वश्रेष्ठ, अतिउत्तम,
सर्वोच्च,
अश्फ़ाक= सहारा, अनुग्रह, कृपा (शफ़क का बहुवचन), आश्रय,
सहायता, आसरा,
अश्क़िया= क्रूर, कठोरहृदय, निर्दय,
दयाहीन,
अश्क= आँसू, अश्रु,
असद= सिंह, शेर, केसरी,
असरार= भेद (बहुवचन),
असफ़ार= यात्रायें (सफ़र का बहुवचन),
प्रवास,
अस्क़ाम= बुराइयां, कमज़ोरियां, कमियां, दुष्टता, नीचता,
दोष, अवगुण, निन्दा,
असीर= कैदी, बन्दि,
अस्हाब= मालिक स्वामी (साहिब का
बहुवचन),
अस्ल= मूल, नींव, नीवँ,
मूलतत्त्व,
अस्ली= मौलिक, मूल, वास्तविक, सत्य,
खरा
असर= चिन्ह, परिणाम, फल, लक्षण,
प्रभाव.
असास= नींव, नीवँ, पाया, आधार,
अस्बाब= कारण, साधन, वजह,
अहज़ान= दु:ख (बहुवचन)(हुज़्न का बहुवचन),
पीडा,
अत्र= सुगन्धि, सौरभ,
आईना= दर्पण,
आक़िबत= अन्त, परिणाम, भविष्य
आक़िल= बुद्धिमान, जानकार, विद्वान,
चतुर,
आख़िर= अन्त, अन्तिम, अन्तवाला,
समाप्ति,
आग= अग्नि,
ज्वाला(क्रोध,वासना,प्रेम,आवेग, जोश)
आगा़ज= आरम्भ, प्रारभ, श्री गणेश,
आगो़श= आलिंगन, गोद (हिन्दी),
छाती
आँच= ज्वाला, उष्णता, उत्साह, हानि,
दु:ख
आंचल= दोपट्टे का कोना,
आज़= प्रचण्ड इच्छा, लोभ, लिप्सा
आज़र्दाह= उदास, दु:खित, खीजा हुआ,
व्याकुल,बेचैन,
आज़माईश= प्रयत्न, प्रयोग, जाँच(हिन्दी), सिद्ध करना,
परीक्षा, परख,
आज़ाद= स्वतन्त्र, बाधारहित,
मुक्त,
आजिज़= शक्तिहीन, उदासीन,
आज़िम= दृढ़ता, सुनिश्चित,
आतिश= आग(हिन्दी), अग्नि, वह्नी,
आदत= रीति, आचरण, प्रयोग, प्रवृति,
अभ्यास,
आदमी= व्यक्ति, मनुष्य, मानव, नर,
आदमियत= मनुष्यत्त्व, मनुष्यता, शिष्टता,
मानवीय,
आदाब= आचरण (अदब का बहुवचन), विवेक, व्यवहार, विनय,
नम्रता,
आदिल= न्यायपूर्ण, सच्चा, नेक,, निष्कपट, अच्छा, भला,
सत्चरित्र, सज्जन,
आंधी (हिन्दी ही है, अरबी-फारसी नहीं)= धूल भरी तेज़
हवा, अंधड,
आप(हिन्दी ही है)= स्वयं, किसी को सम्मान से सम्बोधित
करना
आफ़ताब= सूर्य, रवि, सूरज, दिनकर,
आफ़त= संकट, विपद, दुःख, विपत्ति,
आपत्ति,
आफ़ात(आफ़त का बहुवचन)= दुर्भाग्य, कठिनाइयां,
बुराइयां
आब= पानी, चमक, सुन्दरता,तलवार की धार, जल,
नीर,
आब-ए-आईना= दर्पण की चमक
आब-ए-चश्म= आंसू
आब-ए-तल्ख़= कड़वा पानी, आंसू, (शराब), मद्य,
मदिरा.
आबरू= आन, प्रसिद्धी, मर्यादा, शपथ,
लज्जा,
आबाद= बसा हुआ, प्रसन्न, समृद्ध,
आम= साधारण, जनता, सामान्य, सार्वत्रिक,
सार्वजनिक,
आयन्दा= भविष्य में, आगे, इसके (बाद)
पश्चात,
आरज़ू= इच्छा, लालसा, आशा,
अभिलाषा
आरा= सजावट, शोभना
आराईश= सजावट, सुन्दरता, सुशोभित
आराम= विश्राम, सुख, चैन, सुगमता
आलम= संसार, सृष्टि, प्रान्त, सुन्दरता, समयकाल,
जग,
आलाप= बात-चीत, स्वर मिलाना
आलिम= विद्वान, बुद्धिमान, सुबोध
आली= उच्च, महान, भव्य, विशाल,
उत्तम
आवाज़= शोर, ध्वनि, चीख, पुकार, घोष,
कोलाहल,
आवाज़ह= चर्चा, अफवाह, प्रसिद्धि, विवरण,
जन-श्रुति,
आवारा= बिना घरबार के, घुमक्कड़, हीन,
यायावर,
आश्ना= परिचित, मित्र, प्रेमी
आशिक़= प्रेमी, विवाहार्थी
आशियाना= घोंसला, घर
आशुफ़्ता= बौख़लाया हुआ, घबराया हुआ,
भ्रमित
आस= उम्मीद, आशा, भरोसा, शरण
आसमान= आकाश, स्वर्ग, गगन, नभ,
आसमानी= स्वैर्गिक, खगोली, अन्तरिक्ष सम्बन्धी, नीला,
ब्रह्मांडीय,
आसरा (हिन्दी आश्रय से बना लगता है)= सुरक्षा, शरण, जीने
का साधन, आश्रय,
आसान= सरल, सुगम, सहज,
आसिम= पापी, दोषी
आसूदाह= समृद्ध, अमीर, सन्तुष्ट,
धनी,
आंसू (हिन्दी ही है)= अश्रु
आह(हिन्दी है)= निश्वास,
दीर्घश्वास,
आहिस्ता= धीमे से, मृदुलता, आराम से, धीरे धीरे,
मन्द,
इक़बाल= सौभाग्य, समृद्धि, सफलता,
स्वीकृति
इक़रार= शपथ, सौगन्ध, घोषणा, स्वीकृति, प्रण,
प्रतिबद्धता, समर्पण,
इक़्तिज़ा= आवश्यकता, माँग, चाह
इख्लास= प्रेम, सच्चाई, शुद्धता, निष्ठा,
श्रद्धा,
इख्त़ियार= शक्ति, अधिकार, विकल्प, मरज़ी,
प्र
इज़्ज़त= मान, मर्यादा, प्रसिद्धि, कीर्ति,
यश,
इज़्हार= बताना, प्रकटीकरण, वर्णन,
घोषणा
इजाज़(एजाज़)= अचम्भा, चमत्कार,
कौतुक
इजाज़त= अनुमति, स्वीकृती, आज्ञा देना, अनुज्ञा,
आज्ञा,
इज़्तिराब= अशान्ति, चिन्ता, घबराहट,
बेचैनी
इज़्तिरार= बन्धन, विवशता,
अकुलाहट,
इत्माम= सम्पूर्णता, सिद्धि, प्रवीणता
(प्राविण्य)
इत्लाफ़= हानि, उजड़ना,(?) नाश
इतराज़(एतराज़)= विरोध, आलोचना,
आपत्ति,
इताब= क्रोध, अप्रसन्नता, डाँट, दोष
लगाना
इतिबार(एतबार)= विश्वास, भरोसा,
आसरा
इत्तिका= सहारा, आसरा, आधार,
आश्रय,
इत्तिफ़ाक़= संयोग, योग,
इत्तिफ़ाक़न= सांयोगिक, अकस्मात
से
इत्तिहाम= दोष, दोषारोपण
इत्तिहाद= संधि, एकता, मित्रता
इद्राक= समझ बूझ, बोध
इन्कार= अस्वीकार, विरोध,
इन्क़िलाब= क्रान्ति
इन्तज़ार= प्रतीक्षा, बाट देखना
इन्तिक़ाम= बदला, प्रतिशोध,
इन्तिख़ाब= चयन, चुनाव, पसन्द,
इन्तिज़ाम= व्यवस्था, प्रबन्ध, ढंग,
क्रम
इन्सान= मानव, मनुष्य जाति, नर, मानवी, पुरूष,
व्यक्ति,
इन्सानियत= मानवता, शिष्टता,
सुशीलता,
इनाद= विरोध, दुश्मनी, शत्रुता, वैर,
लाग
इनाम= पुरस्कार, भेंट, पारितोषिक,
उपहार
इफ़्ितखार= मान, कीर्ति, विशिष्टता,
ख्याति
इफ़्रात= अधिकता,(आधिक्य) बाहुल्य,
बहुतायत,
इऱ्फान= ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि, प्रतिभा,
प्रज्ञा,
इफ़्फ़त= शुद्धि, पावित्र्य, पवित्रता,
सतीत्व
इब्न= पुत्र, सन्तान,
इब्रत= चेतावनी, डांट
इब्तिदा= अनुष्ठान, आरम्भ, श्रीगणेश,
प्रारंभ,
इब्तिसाम= मुस्कुराहट, उल्लास, परिहास,
विनोद,
इब्तिला= दुर्भाग्य, कष्ट, पीड़ा
इबादत= प्रार्थना, उपासना
इबारत= बोली भाषा, शैली, रचना
इमान= विश्वास, धर्म मत, अंत:करण,
श्रद्धा
इम्तिहान= परीक्षा, प्रयोग, जाँच,
प्रमाण
इम्तियाज़= अन्तर, अन्तर करने वाला,
विशिष्ठता,
इमारत= भवन, निर्माण, सदन,
इल्म= ज्ञान, विज्ञान, मत, सिद्धान्त, विद्या,
शास्त्र,
इल्लत= दोष, बुरी आदत, बीमारी, बहाना,
आधार
इल्तिफ़ात= मित्रता, आदर, दया, कृपा,
अनुग्रह
इलाक़ा= क्षेत्र, अधिकारस्क्षेत्र, भूमि,
भूसंपत्ति
इलाज= उपचार, चिकित्सा, प्रतिविष
इलान(एलान)= बताना, मुनादी, घोषणा
इश्क़= प्रेम
इश्तियाक़= चाह, इच्छा, लालसा
इश्तिहार= विज्ञापन, प्रसिद्धि,
ख्याति
इश्फ़ाक़= दया, अनुकम्पा, दयालुता
इशारा= इंगित, चिन्ह, संकेत
ईशाद= आज्ञा, आदेश, पथ प्रदर्शन
इस्राफ़= अतिव्यय, उड़ाना,
उजाड़ना
इस्रार= हठता,, अविनय, दृढ़ाग्रह, हठ.
हठधर्मीता,
इस्तिफ़ा= पदत्याग, त्यागपत्र,
इस्बात= प्रमाण, साक्ष्य, सबूत
इस्तिमाल= बरतना, बर्ताव, प्रयोग में लाना, उपयोग
करना,
इरादा= लक्ष्य, उद्देश्य, कामना, लालसा,
इच्छा
इश्रत= आनन्द, मनोरंजन, हुलास, चुहल,
समाज
इश्राक़= उषा, प्रभात, चमक
उक़ूबत= दंड, सजा, उत्पीड़न,
यातना
उजाड़= बंजर, विरान, निर्जन,
उर्दू= सेना, शिवर
उफ़्क= क्षितिज
उफ़्ताद= दुर्भाग्य, दुर्घटना,
नींव
उम्मीद= आशा, प्रतीक्षा, विश्वास
उम्र= आयु, वय, अवस्था,
उबाल= क्रोध, रोष, खौल
उरियां= नग्नता, खाली, शून्य,
विहीन
उरूज= उदय, महानता, गौरवान्वित
उस्ताद= अध्यापक, गुरु
एहतियाज= आवश्यकता
एहतियात= सावधानी, ध्यान रखना,
चौकसाई,
एहसास= भावना, मनोभाव,
एहसान= उपकार, कृपा, अनुग्रह
ऐयाश= विलासी, लुच्चा, लंपट,
विषयासक्त
ऐश= आनन्द, विलास, सुख, भोग
ऐहतमाम= व्यवस्था
औक़ात= समय (बहुवचन) (वक़्त का बहुवचन),
काल.
औक़ात= स्थिती, क्षमता,
औरत= स्त्री, पत्नी, नग्नता
औलाद= सन्तान(वलद का बहुवचन),
संतति
,
श्रीकम्बुभूभृतो भान्ति
विक्रमाक्रान्तविष्टपाः।
विषकण्टकजेतारो दोर्द्दण्डा इव
चक्रिणः॥९॥
श्री. कंबु देश के राजा विश्व में अपने शौर्य और पराक्रम
से चमकते हैं, और
शत्रुओं को उखाड फेंकते है, जैसे विष्णु भगवान विषैले
काँटो (जैसे शत्रुओं को)
को उखाड फेंकते थे।The kings of Sri Kambu shine with
the world having been
won over by their prowess and enemies conquered like
poisonous thorns by the
arms of Vishnu.
(११) राजाओं की शुद्ध संस्कृत
नामावली
Sarvabhauma=सार्वभौम
Jayavarman=जय वर्मन,
Indravarman=इंन्द्र वर्मन
Yasovarman=यशो वर्मन
Harshavarman=हर्ष वर्मन
Dharanindravarman=धरणींन्द्र
वर्मन
Suryavarman=सूर्य वर्मन
Udayadityavarman =उदयादित्य
वर्मन
(१२)डॉ. रघुवीर जो नेहरू जी के समकालीन थे, वे कहते हैं,
उनकी पुस्तक India’s
National Language में,
”छठी से बाहरवीं शताब्दी तक कम्बोज देश की राष्ट्र भाषा
संस्कृत थी। यह तथ्य
भारत वर्ष के एक एक बालक और बालिका को पता होना चाहिए।
बारहवीं शताब्दी में
भारतवर्ष स्वयं अपनी स्वतंत्रता खो बैठा और तभी से उसके
विदेशी सम्पर्क बन्द
हुए।” (संदर्भ ) पृष्ठ ९९, India’s National Language,
Prof. Dr. Raghu Vira,
Publisher –>International Academy Of Indian
Culture
From: "Madhusudan H Jhaveri"
mjhaveri@umassd.edu
Subject: क्या, संस्कृत राष्ट्र भाषा थी? किस देश
की?
डॉ. मधुसूदन
मधुसूदनजी तकनीकी (Engineering) में एम.एस. तथा
पी.एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त्
की है, भारतीय अमेरिकी शोधकर्ता के रूप में मशहूर है,
हिन्दी के प्रखर
पुरस्कर्ता: संस्कृत, हिन्दी, मराठी, गुजराती के
अभ्यासी, अनेक संस्थाओं से
जुडे हुए। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति (अमरिका) आजीवन
सदस्य हैं; वर्तमान में
अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्थाअ UNIVERSITY OF
MASSACHUSETTS (युनिवर्सीटी ऑफ
मॅसाच्युसेटस, निर्माण अभियांत्रिकी), में प्रोफेसर
हैं।
• From: Harishankar Kulshreshtha - shrihari55@hotmail.com;
अंग्रेज़ी का संस्कृत स्रोत
Dear Sir,
I highly appreciate your Dr.Madhusoodan uvach, where
the Japanese wisely
switched over from chitra bhasha to reality of Sankrit
Bhasha. We the
children of Bharat can easily learn the same, if there
is a little bent of
mind and eagerness to do so.
Anil Gupta says:
मैं अभिभूत हूँ इस बात पर की अभियांत्रिकी के प्राध्यापक
होने के बावजूद
विभिन्न भाषाओँ के सम्बन्ध में इतने खोजपूर्ण तथ्य
उपलब्ध कराना लिसी आश्चर्य
से कम नहीं है. कभी तमिल , कभी जापानी तो अब कम्बुज के
विषय में इस जानकारी से
हमें अपना ज्ञान वर्धन का अवसर मिला है. पूर्व में तमिल
और संस्कृत की समानता
विषयक लेखमाला पूर्ण हो गयी है क्या?डॉ.मधुसुदन जी के
सभी लेख संग्रहणीय
हैं.अस्तु साधुवाद.
मधुसूदन says:
अनिल जी।
शुद्ध हिंदी के एक प्रखर, एक-निष्ठ भक्त, जिन्होंने
आजीवन शुद्ध हिन्दी के
पुरस्कार में अपना योगदान दिया है, जो बी. बी. सी. वालों
को भी ललकार ने में
पीछे नहीं हठते,उन्हें(बी. बी. सी.को) शुद्ध हिंदी की,
शब्द सूची भेज कर सहायता
भी करते हैं। ऐसे श्री. मोहन जी गुप्ता ने, कॅनडा से
मुझे कंबुज शिलालेखों की
जानकारी भेजी। मैं ने जब वे शिला लेख देखें, तो अचरज,
गौरव, और साथ में हमारी
अपनी परम श्रेष्ठ देववाणी की उपेक्षा पर लज्जा का अनुभव
हुआ।
निम्न का, स्थूल रूप से अर्थ करें
—>
संस्कृत अत्युच्च आध्यात्मिक,
हिंदी-सर्वोपरि राष्ट्रीय,
----------------------
No comments:
Post a Comment