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Wednesday, February 20, 2013

jakhami dil

तेरे जख्मी  दिल की किर्चियों से
मेरा दिल लहुलुहान हो गया है ।
गौर से देख मेरे दिल की हालत
मेरा वुजूद पानी सा हो गया है ।

तुझे लगता है कि मैं पत्थर दिल हूँ ,
तेरे दर्द औ' जज्बात नहीं सताते हैं ।
आंसू ना आ जाएँ मेरे हालात देखकर ,
अपने जज्बात दिल में ही  छुपाते हैं ।

डॉ अ किर्तिवर्धन
8265821800

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