माना कि आप ईल्म के खलीफा ऐ ख़ास हैं ,
वर्षों का तजुर्बा आपका ,कीमती असआर हैं ।
मगर हमको भी आप कमतर ना आंकिये ,
हमारे पास भी इस दौर के ,कुछ जज्बात हैं ।
हो सकता है ना उतरें खरे आपकी कसौटी पर ,
मिट्टी के खिलौने सही ,किसी बच्चे के ख़ास हैं ।
आप ख्वाब सजाएं , चाँद पर जाने के , मगर
रेत के घरोंदे , मेरे दिल के आसपास हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
वर्षों का तजुर्बा आपका ,कीमती असआर हैं ।
मगर हमको भी आप कमतर ना आंकिये ,
हमारे पास भी इस दौर के ,कुछ जज्बात हैं ।
हो सकता है ना उतरें खरे आपकी कसौटी पर ,
मिट्टी के खिलौने सही ,किसी बच्चे के ख़ास हैं ।
आप ख्वाब सजाएं , चाँद पर जाने के , मगर
रेत के घरोंदे , मेरे दिल के आसपास हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment