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Friday, June 21, 2013

likhkar mera nnam

लिखकर मेरा नाम,अक्सर वो मिटाते हैं ,
चाहते हैं भुलाना, पर भुला नहीं पाते हैं ।

सूना है नफरत है उन्हें ,मेरी सूरत से भी,
मेरी तस्वीर पर नजरें गडा ,वो कहते हैं ।

रखा है संभाल कर मेरा तौफा अब तक ,
तन्हाई में उसको ही प्यार करते हैं ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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