माना कि स्वार्थ बहुत हैं जमाने में ,
हमें भी आजमाना ,कभी अनजाने में ।
हमने तो बस वफ़ा सीखी है यहाँ ,
फर्क नहीं लगता ,अपने और बेगाने में ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
हमें भी आजमाना ,कभी अनजाने में ।
हमने तो बस वफ़ा सीखी है यहाँ ,
फर्क नहीं लगता ,अपने और बेगाने में ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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