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Monday, June 17, 2013

na mera koi din

न मेरा कोई दीन है न कोई ईमान है ,
बस सत्ता से जुडी हुई ही मेरी पहचान है ।
टेक सकता हूँ घुटने ,हर दल के सामने ,
कुर्सी से बड़ा मेरे लिए, नहीं कोई मुकाम है ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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