गर कोई गरीब कभी सत्ता में आ गया ,
गरीबी का यारों वह मजाक बना गया ।
माया को देखकर , मैं बहक गया हूँ ,
सत्ता का अजगर , मानवता निगल गया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
गरीबी का यारों वह मजाक बना गया ।
माया को देखकर , मैं बहक गया हूँ ,
सत्ता का अजगर , मानवता निगल गया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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