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Saturday, July 6, 2013

gar koi garib

गर कोई गरीब कभी सत्ता में आ गया ,
गरीबी का यारों वह मजाक बना गया ।
माया को देखकर , वह  बहक गया है
सत्ता का अजगर , मानवता निगल गया ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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