झूम झूम कर बरसा आयी ,
पवन संग थी ताल मिलायी ।
प्यासी अँखियाँ राह निहारें ,
पिया मिलन की याद सतायी ।
वो आये तो सावन आया ,
आँखों ने भी नीर बहाया ।
घनघोर घटाएं,बिजली चमकत ,
खुद को सजन की बाहों में पाया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
पवन संग थी ताल मिलायी ।
प्यासी अँखियाँ राह निहारें ,
पिया मिलन की याद सतायी ।
वो आये तो सावन आया ,
आँखों ने भी नीर बहाया ।
घनघोर घटाएं,बिजली चमकत ,
खुद को सजन की बाहों में पाया ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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