जिंदगी किसी को कभी रुलाती नहीं ,
जिंदगी कभी राह में रोड़ा अडाती नहीं ।
अपनी ख्वाहिशों का दोष जिंदगी को न दो ,
जिदगी हबस को मुकम्मल बनाती नहीं ।
जो भी मिला उसको मुकद्दर समझ ,
दूसरों की ख़ुशी देखकर आहें ना भर ।
रश्क करता है वो आमिर मेरी नींद से ,
मखमल के गद्दे पे जिसे नींद आती नहीं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
जिंदगी कभी राह में रोड़ा अडाती नहीं ।
अपनी ख्वाहिशों का दोष जिंदगी को न दो ,
जिदगी हबस को मुकम्मल बनाती नहीं ।
जो भी मिला उसको मुकद्दर समझ ,
दूसरों की ख़ुशी देखकर आहें ना भर ।
रश्क करता है वो आमिर मेरी नींद से ,
मखमल के गद्दे पे जिसे नींद आती नहीं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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