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Saturday, July 27, 2013

jo log dusaron ke kandhe

जो लोग दूसरों के कन्धों पर चला करते हैं ,
एक ठोकर लगते ही ,औंधे मुँह गिरा करते हैं ।
याद आ जाती हैं सब अम्मा ,,नानी और दादी ,
जब काँधे चढाने वाले किनारा किया करते हैं ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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