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Monday, July 15, 2013

tute hue paron me

टूटे हुए परों में अभी जान बाकी है ,
मेरी मंजिल का सफ़र अभी बाकी है।
जानता हूँ कठिनाईयां बहुत राहों में ,
मेरे हौसले का इम्तिहान अभी बाकी है ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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