टूटे हुए परों में अभी जान बाकी है ,
मेरी मंजिल का सफ़र अभी बाकी है।
जानता हूँ कठिनाईयां बहुत राहों में ,
मेरे हौसले का इम्तिहान अभी बाकी है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
मेरी मंजिल का सफ़र अभी बाकी है।
जानता हूँ कठिनाईयां बहुत राहों में ,
मेरे हौसले का इम्तिहान अभी बाकी है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment