वक्त सदा उस शख्स का गुलाम होता है ,
नेकी की राह चलना ,जिसका काम होता है ।
लिखता है पत्थर दिलों पर दास्ताँ प्यार की ,
इतिहास के पन्नों पर , उसका नाम होता है ।
आज भी बसते हैं राम और सिया घर घर में ,
जिन घरों में मर्यादा का सम्मान होता है ।
बच्चें चलें दो कदम ,अनैतिकता की राह पर ,
यकीं मानिए , सारा घर ही बदनाम होता है ।
देता है जो दाना परिंदों को और भूखे को रोटी ,
उस आदमी में इंसानियत का भान होता है ।
देश हित सीमा पर खडा ,जान हथेली लेकर ,
सैनिक ,घर,गाँव,देश,माँ-बाप की शान होता है ।
लूट रहे मुल्क को जो रहनुमा , सत्ता में बैठकर
सफेदपोश लुटेरों से , मुल्क बदनाम होता है
नेकी की राह चलना ,जिसका काम होता है ।
लिखता है पत्थर दिलों पर दास्ताँ प्यार की ,
इतिहास के पन्नों पर , उसका नाम होता है ।
आज भी बसते हैं राम और सिया घर घर में ,
जिन घरों में मर्यादा का सम्मान होता है ।
बच्चें चलें दो कदम ,अनैतिकता की राह पर ,
यकीं मानिए , सारा घर ही बदनाम होता है ।
देता है जो दाना परिंदों को और भूखे को रोटी ,
उस आदमी में इंसानियत का भान होता है ।
देश हित सीमा पर खडा ,जान हथेली लेकर ,
सैनिक ,घर,गाँव,देश,माँ-बाप की शान होता है ।
लूट रहे मुल्क को जो रहनुमा , सत्ता में बैठकर
सफेदपोश लुटेरों से , मुल्क बदनाम होता है
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