"यदि आप विकलांगों को शिक्षा के अवसरों से इनकार करते हैं, तो यह शिक्षा की अपनी कमी है न कि उनकी विकलांगता की जो उनके लिए अवसरों को सीमित करती है."
- जूडी हेमन, विश्व बैंक सलाहकार, विकलांगता और विकास.
- जूडी हेमन, विश्व बैंक सलाहकार, विकलांगता और विकास.
भारत में 7 करोड़ से अधिक (कुल जनसंख्या का 6%) विकलांग होने का अनुमान है. विश्व बैंक द्वारा करवाए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में विकलांग व्यक्ति अपेक्षाकृत अधिक गरीब हैं, उनके अनपढ़ और स्कूल नहीं जाने की संभावना अधिक होती है, उनके रोजगार के दर कम होते हैं और उन्हें सामाज में कलंक के रूप में माना जाता है. भारत में केवल 2% विकलांग स्कूल जाते हैं और उनमें से केवल 1% को लाभप्रद रोजगार मिलता है.
विकलांग विविध समूह, उम्र, लिंग और सामाजिक-आर्थिक श्रेणियों के होते हैं. विकलांग लोग भी समाज के लिए बहुमूल्य योगदान करने में पूरी तरह सक्षम हैं, यदि उन्हें भी मुख्यधारा के समाज के लिए दी जा रही तमाम किस्म की सुविधाओं को प्रदान किया जाए. आम जनता को उपलब्ध गलत सूचना और पूर्वग्रह तथा साथ ही विकलांगों के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचे या शिक्षा के कारण देश की जीवंत अर्थव्यवस्था और अपने स्वयं के भरे-पूरे परिवार के लिए विकलांग कुछ कर पाने में अपने आप को पूरी तरह से तैयार नहीं कर पाते हैं.
शिक्षा, आय और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके यूनाइटेड वे ऑफ़ इंडिया आम बेहतरी के लिए और सभी के लिए बेहतर जीवन के लिए अवसर तैयार करने के लिए काम करता है. वर्तमान में यूनाइटेड वे एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का निर्माण कर रहा है जहां विकलांग युवा आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर मुख्यधारा कार्यबल में शामिल हो सकते हैं. उन्हें इंटर्नशिप और रोजगार भी प्रदान किए जा सकते हैं. इस अनूठे कार्यक्रम को लागू करने के लिए यूनाइटेड वे निगमों, कंपनियों के कर्मचारियों, गैर लाभकारी संगठनों, सरकारी एजेंसियों और मीडिया के साथ अपनी भागीदारी का लाभ उठा रही है.
यूनाइटेड वे ऑफ़ इंडिया
यूनाइटेड वे वर्ल्डवाइड के राष्ट्रीय प्रतिनिधि के रूप में, यूनाइटेड वे ऑफ़ इंडिया समाज की देखभाल शक्ति जुटाकर जीवन में सुधार लाने के लिए काम करता है. भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए यूनाइटेड वे सिस्टम काम करता है. बंगलौर, चेन्नई, दिल्ली, हुबली-धारवाड़, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में स्थानीय यूनाइटेड वे स्थित हैं जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के मूल कारणों को हल करते हुए स्थायी रूप से सामाजिक परिवर्तन लाने का काम करते हैं.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: anil.parmar@uwofindia.org
विकलांग विविध समूह, उम्र, लिंग और सामाजिक-आर्थिक श्रेणियों के होते हैं. विकलांग लोग भी समाज के लिए बहुमूल्य योगदान करने में पूरी तरह सक्षम हैं, यदि उन्हें भी मुख्यधारा के समाज के लिए दी जा रही तमाम किस्म की सुविधाओं को प्रदान किया जाए. आम जनता को उपलब्ध गलत सूचना और पूर्वग्रह तथा साथ ही विकलांगों के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचे या शिक्षा के कारण देश की जीवंत अर्थव्यवस्था और अपने स्वयं के भरे-पूरे परिवार के लिए विकलांग कुछ कर पाने में अपने आप को पूरी तरह से तैयार नहीं कर पाते हैं.
शिक्षा, आय और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके यूनाइटेड वे ऑफ़ इंडिया आम बेहतरी के लिए और सभी के लिए बेहतर जीवन के लिए अवसर तैयार करने के लिए काम करता है. वर्तमान में यूनाइटेड वे एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का निर्माण कर रहा है जहां विकलांग युवा आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर मुख्यधारा कार्यबल में शामिल हो सकते हैं. उन्हें इंटर्नशिप और रोजगार भी प्रदान किए जा सकते हैं. इस अनूठे कार्यक्रम को लागू करने के लिए यूनाइटेड वे निगमों, कंपनियों के कर्मचारियों, गैर लाभकारी संगठनों, सरकारी एजेंसियों और मीडिया के साथ अपनी भागीदारी का लाभ उठा रही है.
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यूनाइटेड वे वर्ल्डवाइड के राष्ट्रीय प्रतिनिधि के रूप में, यूनाइटेड वे ऑफ़ इंडिया समाज की देखभाल शक्ति जुटाकर जीवन में सुधार लाने के लिए काम करता है. भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए यूनाइटेड वे सिस्टम काम करता है. बंगलौर, चेन्नई, दिल्ली, हुबली-धारवाड़, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई में स्थानीय यूनाइटेड वे स्थित हैं जो सर्वाधिक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के मूल कारणों को हल करते हुए स्थायी रूप से सामाजिक परिवर्तन लाने का काम करते हैं.
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