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Thursday, August 1, 2013

हम जिनके ख्यालों में नींद अपनी उडाये हुए हैं , हमारे ख्यालों से बेखबर ,नींद के आगोश में समाये हुए हैं । डॉ अ कीर्तिवर्धन

हम जिनके ख्यालों में नींद अपनी उडाये हुए हैं ,
हमारे ख्यालों से बेखबर ,नींद के आगोश में समाये हुए हैं ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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