जिंदगी में ना कोई आता , ना कोई जाता है ,
भूख से बेबस इंसान , अक्सर बदल जाता है ।
बदल जाते हैं रिश्ते-नाते ,सब छूट जाता है ,
गरीबी में तो देखिये, रिश्ता ख़ास बदल जाता है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
भूख से बेबस इंसान , अक्सर बदल जाता है ।
बदल जाते हैं रिश्ते-नाते ,सब छूट जाता है ,
गरीबी में तो देखिये, रिश्ता ख़ास बदल जाता है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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