कभी ताजमहल की तमन्ना ना करना ,
उसमे किसी की कब्र गाह बनी है ।
समर्पण करने की चाह दिल में रखना ,
हर आशियाँ में चाहत की खुशबू घनी है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
उसमे किसी की कब्र गाह बनी है ।
समर्पण करने की चाह दिल में रखना ,
हर आशियाँ में चाहत की खुशबू घनी है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
No comments:
Post a Comment