जो मेरा न हुआ ,किसी का हो नहीं सकता .......
यह एहसास तेरी खुदगर्जी का सबब है ,
वह इन्सां है , उसे जमाने का दर्द है ।
लुटा दिया खुद को ,इंसानियत की राहों में ,
वह सबका है ,उस पर जमाने को फक्र है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
यह एहसास तेरी खुदगर्जी का सबब है ,
वह इन्सां है , उसे जमाने का दर्द है ।
लुटा दिया खुद को ,इंसानियत की राहों में ,
वह सबका है ,उस पर जमाने को फक्र है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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