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Friday, September 6, 2013

maanaa ki dariyaa simata hai kinaron ke darmyan

माना कि दरिया सिमटा है किनारों के दरम्यान ,
मगर रवानगी पर उसके पहरे नहीं लगते ।
बहता है निरंतर गली-कुचे से समंदर तक ,
मेहरबानियों पर उसकी प्रश्न  नहीं उठते ।
खुद के गुरुर में "सहरा" , खुद सुर्ख हो रहा ,
दरिया तक उसके कदम क्यूँ नहीं बढ़ते ?

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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