मैंने पूछा मौत से , तू चीज क्या है ?
आ गयी तो सब तरफ ख़ामोशी छा गयी ।
चन्द गुन्ड़ें निकलते राहों में जब ,
दहशतों से वहां भी खामोशी छा गयी ।
फर्क क्या है तुझमे और दहशतगर्दों में ,
जिधर तू गई , उधर भी वीरानी छा गई ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
आ गयी तो सब तरफ ख़ामोशी छा गयी ।
चन्द गुन्ड़ें निकलते राहों में जब ,
दहशतों से वहां भी खामोशी छा गयी ।
फर्क क्या है तुझमे और दहशतगर्दों में ,
जिधर तू गई , उधर भी वीरानी छा गई ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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