ना मालूम कौन सो रहा कब्र में , जन्नत नशीं होकर ,
लोग कब्र में भी रूह को , हलकान किया करते हैं ।
भटकता रहा जो फ़क़ीर उम्र भर , रोटी की तलाश में ,
उसकी कब्र पर बैठे खादिम को , सामान दिया करते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
लोग कब्र में भी रूह को , हलकान किया करते हैं ।
भटकता रहा जो फ़क़ीर उम्र भर , रोटी की तलाश में ,
उसकी कब्र पर बैठे खादिम को , सामान दिया करते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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