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Friday, November 22, 2013

teri aankhon me udaasi ka manjar kyun hai

तेरी आँखों में उदासी का मंजर क्यूँ है,
आज हर शख्स हैरां परेशान सा क्यूँ है ?

हमने तो बोये थे फूल ही गुलशन में,
साथ खिला काँटों का दामन क्यूँ है ?

कृष्ण के वंशज थे चीर के रखवारे,
आज दामन पर दाग लगाते क्यूँ हैं ?

लूटते हैं जो मुल्क को सत्ता में बैठकर,
उन पर ये रियाया मेहरबान क्यूँ है ?

डॉ अ कीर्तिवर्धन



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