जब भी पलटे, यादों के पन्ने मैंने,
अक्स तेरा उभर आया,आँखों के सामने ।
कुछ खुशियां, कुछ दर्द, कुछ तनहा पल,
बदल दिए थे तुमने, मेरे जीवन के मायने ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
अक्स तेरा उभर आया,आँखों के सामने ।
कुछ खुशियां, कुछ दर्द, कुछ तनहा पल,
बदल दिए थे तुमने, मेरे जीवन के मायने ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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