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Sunday, December 22, 2013

dil na jalaana mahafil me

दिल ना जलाना महफ़िल में ऐ साकी,
दिल के जलने से धुवाँ उठता है ,
जिसमे रौशनी का दम घुटता है ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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