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Tuesday, January 14, 2014

haiku-jivan

हाइकू


बहस करो
जीत के लिए नहीं
सीख के लिये।

मानवीयता
मनुष्य को बनाती
सहनशील।

पाप औ पुण्य
कर्मो का लेखा जोखा
यहीं भोगना।

जीवन सार
मानवता से प्यार
घर बाहर।


डॉ अ कीर्तिवर्धन

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