अब मेरे देश की संस्कृति को बचाया जाए,
नेताओं की सियासत से देश बचाया जाए।
लिखा है भारतीय संस्कृति में भाईचारे से रहना,
अलगाववाद की भाषा से मुल्क बचाया जाए।
“मानवता” भारतीय जीवन शैली का प्रथम सूत्र,
मानव में मानवता का समावेश कराया जाए।
सनातन धर्म का सार है “वसुधैव कुटुम्बकम “,
“सर्वे सन्तु निरामया:” का भाव बताया जाये।
करते हैं जो बात “नया इंसानी मजहब “बनाने की,
उनको भी सनातन धर्म की ऒर लौटाया जाए।
जाति-धर्म, छुआछूत, क्षेत्रवाद, इस दौर की बातें,
सब बातें भुलाकर इंडिया को भारत बनाया जाए।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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