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Friday, January 17, 2014

muktak-raashtr kaa sammaan

राष्ट्र का सम्मान करना चाहिये,
निज धरा का मान करना चाहिये।
सीखिये भाषाएँ, बोली, सारे विश्व की,
राष्ट्रभाषा पर अभिमान करना चाहिये।


डॉ अ कीर्तिवर्धन

5 comments:

  1. काफी उम्दा प्रस्तुति.....
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (19-01-2014) को "तलाश एक कोने की...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1497" पर भी रहेगी...!!!
    - मिश्रा राहुल

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  2. वाह बहुत सुन्दर (y)

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  3. श्रीमान, आपकी पंक्तियाँ बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण लगीं. राष्ट्रभाषा से आपका आशय शायद हिदी से है. आप की इन पंक्तियों को न जाने कब से जीने की कोशिश कर रहा हूँ और संभवतः जी रहा हूँ. आपको बिरा न लगे तो कहूँ... राश्रट्रभाषा शब्द हमारे संविधान में कहीं भी नहीं है. जो है अष्टम अनुच्छेद की राज्यभाषाएँ ( शायद धारा 343) और राजभाषा. राष्ट्रभाषा शब्द का प्रयोग कांग्रेस के अधिवेशन में कभी आया था लेकिन जब संविधान लागू हुआ तो राजभाषा शब्द का प्रयोग हुआ है. यदि आपके पास राष्ट्रभाषा और राजभाषा संबंधी कोई और जानकारी हो तो प्रेषित करं आभारी रहूंगा.

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