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Saturday, January 4, 2014

us garib ki duvaon ka asar

उस गरीब की दुवाओं का असर देखा हमने,
मजार की चादर से जिसका तन ढक दिया था मैंने
मैं खुश रहता हूँ, मुस्कराता हूँ, शुकून से रहना सिखा,
मजार पर चादर चढ़ा, जो आजतक पाया ना था मैंने।  

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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