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Thursday, February 27, 2014

dharmnirpekshta par kuchh baaten

किसी भी शुभ अवसर ,तीज-त्यौहार अथवा किसी उपलब्धि पर एक दूसरे को शुभकामनाएं व बधाई देने से सामाजिक प्रेम बढता है।  अक्सर सभी लोग ईद, बड़ा दिन  या अन्य मतावलम्बियों के शुभ अवसरों पर बधाई  . मगर कोई यह बताये कि हिंदुओं के त्योहारों पर ऐसा बहुत कम देखने को  दूसरे धर्म के लोग भी अपनी सहृदयता का परिचय दे कर एक दूसरे को शुभकामनाएं दें।
आज ही देख लो पुरे फेस-बुक पर कितने दूसरे धर्म के  बधाई दी है ?
यह किसी से बदला नहीं है कि मैंने बधाई दी तो आप भी दें, बल्कि यह है सामाजिकता।
पूरी दुनिया में सनातन  धर्म के पक्षधर हिन्दू जो सबका सम्मान करते हैं ,वही कट्टरपंथी हैं और जो दूसरे के धर्म का सम्मान नहीं करते वह धर्मनिरपेक्ष।  
कितनी सुन्दर परिभाषा गढ़ी है हमारे राजनेताओं व बुद्धिजीवियों ने। .......

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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