सर्दियों की भीषणता से
मुक्ति दिलाती
धुप का अहसास
लगभग
दो माह बाद देखकर
मैंने भी डाल दी
अपनी मुस्कराहटें
धुप में
सुखाने के लिए।
मुस्कराहटें
जो सिकुड़ गयी थी
सर्दी में
मुड़े-तुड़े ,सिकुड़े हुए
सडकों पर जहाँ-तहाँ लेटे
गरीबों को देखकर।
मुस्कराहटें
आज
तेज धुप का अहसास पाकर
रोमांचित थी
और प्रफुल्लित भी
अगले नौ-दस माह तक
नमी-सीलन से
मुक्ति की कल्पना से।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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