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Monday, March 17, 2014

kin rangon ki baat karen

रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। 
सभी लोग स्नान कर अपने रंग उतार चुके होंगे , मगर गौर फरमाएं ----

किन रंगों की बात कर रहे, मैं क्या जानूं ?
मेरा रंग है श्याम, इसे उतारो तो मैं जानूँ। 

मीठे बोलों की पिचकारी से चलता है यह,
कृष्ण रंग में तुम भी रंग जाओ, तो मैं मानूँ। 

मन-मंदिर की दीवारें भी इसमे रंग जाती हैं,
केसरिया करने की जग को, जब मैं ठानूं।

काट-काट कर तुलसी-पीपल, नागफनी को बोते,
हरित क्रान्ति लाकर दिखलाओ, तो तुमको मानूं।

जाति-धर्म,क्षेत्रवाद में, बाँट दिया भारत को तुमने,
राष्ट्रवाद सिद्धांत, मोदी सा बन जाओ, तो मैं मानूं।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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