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Monday, March 31, 2014

muktak-sukhe jakhm bhi

सूखे जख्म भी पुरवाई में दर्द दे जाते हैं,
कभी हरे थे, यह अहसास करा जाते हैं।
लाख बिसरा दीजिये ख़ुशी के दौर में ,
मुसीबत के समय अपने ही याद आते हैं।

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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